हिंदी भाषा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिली विश्व स्तर पर बड़ी पहचान- रमेश अवस्थीPosted by On


-एमिटी लॉ स्कूल नोएडा द्वारा आजोजित उद्भव-2024 कार्यक्रम में बोले भाजपा नेता रमेश अवस्थी
दिल्ली- नेशनल मीडिया क्लब के चेयरमैन, वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व सदस्य हिन्दी राजभाषा सलाहकार समिति, भारत सरकार रमेश अवस्थी ने वैश्विक मंच पर हिन्दी भाषा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं ग्रह मंत्री अमित शाह के प्रयासों की सराहना की। एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘उद्भव-2024 कार्यक्रम’ में बोलते हुए, रमेश अवस्थी ने राष्ट्रीय मामलों में हिन्दी की महत्त्वपूर्ण भूमिका और कानूनी पेशे में इसके महत्त्व पर जोर दिया।

एमिटी ‘ उद्भव फेस्ट 2024 के हिस्से के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम में अवस्थी ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी भाषा को विश्वव्यापी सम्मान दिलाने में कई कार्य किए है उनका सभी देशों के राष्ट्र अध्यक्षों से हिंदी में बात करना एक अनुकरणीय प्रयास है और यह हिंदी भाषा को विश्वव्यापी सम्मान दिलाने में सफल कदम है, उन्होंने इसके उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आधिकारिक कार्यवाहियों और योजनाओं में हिन्दी को प्राथमिकता देने की सरकार की पहल की सराहना की।

अवस्थी की टिप्पणियों ने कानूनी कार्यवाही में हिन्दी के महत्त्व को रेखांकित किया और इस क्षेत्र में इसकी बढ़ती प्रमुखता की वकालत की। ‘उद्भव-2024 कार्यक्रम’ का उद्देश्य कानून के छात्रों को व्यावहारिक हिन्दी उपयोग से परिचित कराना है, रमेश अवस्थी ने कहा निश्चित ही हिंदी मंच एमिटी लॉ स्कूल एवं चेयरमैन डॉ दिलीप बंधोपाध्याय की एक बहुत महत्वपूर्ण समिति है, जो हिंदी की संवैधानिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कार्य कर रही है। समिति ने कार्यक्रम में चार प्रतियोगिता करवायी जिसमे प्रमुख रूप से क्लाइंट काउन्सलिंग एवं डिबेट रही।

रमेश अवस्थी ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार चुने जाने के बाद, सितंबर 2014 और 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया, जो संयुक्त राष्ट्र जैसे विश्व मंच पर हिंदी बोलने के दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है। 2020 और 2021 में, उन्होंने हिंदी को विश्व मंच पर स्थापित करने के एक और प्रयास में, फिर से यूएनजीए को मूल भाषा में संबोधित किया।

भारत ने पिछले साल नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी जिसमें कई विश्व नेताओं ने भाग लिया था। पीएम मोदी ने उद्घाटन समारोह को हिंदी में संबोधित किया, हमारे देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह का भी मानना है कि सरकारी काम-काज में हिन्दी को ज्यादा से ज्यादा बढावा देना चाहिए। वह खुद हिन्दी मे काम-काज करने के पक्षधर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल में हिंदी को उसका सम्मान वापस मिल रहा है। सरकारी कार्यालयों से लेकर हर तरफ हिंदी में कामकाज को प्राथमिकता मिल रही है, सरकार हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर भी काम कर रही है।

रमेश अवस्थी हिंदी राजभाषा सलाहकार समिति भारत सरकार के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने पूरे भारत में हिंदी को बढ़ावा देने की दिशा में बड़े स्तर पर काम किया है। हाल में ही रमेश अवस्थी को हिन्दी दिवस पर ब्रिटिश संसद में उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया गया था

‘भुलाया नहीं जा सकता पुरुषोत्तमदास टण्डन का योगदान’

हिन्दी को आगे बढ़ाने मे राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। कुछ विचारकों के अनुसार स्वतंत्रता प्राप्त करना उनका पहला साध्य था। हिन्दी को वे साधन मानते थे, उनका मानना था कि यदि हिन्दी भारतीय स्वतंत्रता के आड़े आएगी तो मैं स्वयं उसका गला घोट दूंगा।

रमेश अवस्थी ने कहा उन्हें विश्वास है कि
एक दिन ऐसा भी आएगा, हर तरफ हिंदी का परचम लहराएगा,
इस राजभाषा का हर ज्ञाता, विद्वान भारतवासी कहलाएगा।

यह आयोजन कानूनी क्षेत्रों में हिन्दी भाषा के प्रचार और उपयोग को आगे बढ़ाने की नई प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में शामिल हुए भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर, वाईस चांसलर एमिटी यूनिवर्सिटी, प्रोफेसर डॉ बालविंदर शुक्ला, मोटिवेशनल स्पीकर सोमांशु गौड़, पूर्व चेयरमैन बार कौंसिल दिल्ली एडवोकेट केसी मित्तल, भाजपा नेता विनोद त्यागी। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी मंच के कन्वेनर डॉ प्रेमपाल, डॉ शिल्पी गुप्ता एवं हिन्दी मंच की अध्यक्ष आयुषी एवं अन्य विधि के छात्रों द्वारा किया गाया

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